उत्तर प्रदेश
अब्बास अंसारी को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, सजा पर लगी रोक; मऊ में नहीं होगा उपचुनाव

लखनऊ: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के पूर्व विधायक और माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा सुनाई गई दो साल की सजा को रद्द कर दिया, जिसके बाद उनकी विधायकी फिर से बहाल हो जाएगी।
क्या है मामला?
- 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान भड़काऊ भाषण देने के मामले में 31 मई को एमपी-एमएलए कोर्ट, मऊ ने अब्बास को दो साल की सजा और ₹3000 जुर्माना लगाया था।
- इसके आधार पर 1 जून को विधानसभा सचिवालय ने मऊ सदर सीट को रिक्त घोषित कर दिया था।
- अब्बास की याचिका पहले जिला अदालत, मऊ में खारिज हो गई थी, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया।
हाईकोर्ट का फैसला
- हाईकोर्ट ने एमपी-एमएलए कोर्ट की सजा पर रोक लगाते हुए अब्बास अंसारी की विधायकी बहाल कर दी।
- फैसले पर रोक लगाने का यूपी सरकार ने विरोध किया, लेकिन न्यायमूर्ति समीर जैन ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला अब्बास के पक्ष में दिया।
क्यों फंसे थे अब्बास?
- अब्बास ने चुनाव प्रचार के दौरान एक सभा में कहा था कि “सपा की सरकार आने पर राज्य के अधिकारियों का हिसाब होगा।”
- इस बयान पर भारत निर्वाचन आयोग ने केस दर्ज कराया था।
अब क्या होगा?
- मऊ सदर विधानसभा सीट पर अब उपचुनाव नहीं होगा।
- हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब्बास की सदस्यता बहाल हो जाएगी।