ओमप्रकाश राजभर का अखिलेश यादव पर तीखा हमला, जानें क्या कहा

गाजीपुर, उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर मंगलवार को गाजीपुर पहुंचे जहां उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विकास परियोजनाओं की समीक्षा बैठक में भाग लिया। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कई राजनीतिक मुद्दों पर खुलकर बयान दिया। खासतौर पर समाजवादी पार्टी, अखिलेश यादव और पीडीए फॉर्मूला को लेकर उनकी टिप्पणी चर्चा में रही।
इटावा की घटना पर ओमप्रकाश राजभर की कड़ी प्रतिक्रिया
जब उनसे इटावा में कथावाचकों के साथ हुई बदसलूकी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इसे “अत्यंत निंदनीय” बताया।उन्होंने कहा:”हमारा संविधान किसी को अपमान की इजाज़त नहीं देता। यह लड़ाई आज की नहीं है, गौतम बुद्ध के समय से जारी है। बाबा साहब अंबेडकर ने इस जिल्लत को सहा और संविधान के ज़रिए सबको सम्मान दिलाया।”
राजभर ने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं समाज को तोड़ने वाली हैं और इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
पीडीए पर राजभर का हमला: “ये परिवार डेवलेपमेंट अथॉरिटी है”
कैबिनेट मंत्री ने सपा के पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले पर सीधा हमला बोला और कहा:”अगर इन्हें नकल करनी थी तो मायावती जी की करनी चाहिए थी। सरकार में रहते हुए इन्होंने पीडीए के लिए क्या किया? अब कह रहे हैं मुस्लिम सीएम बनाएंगे तो अभी घोषणा करें। असल में, यह सब वोट बैंक की राजनीति है, सच्चाई ये है कि ये ‘परिवार डेवलेपमेंट अथॉरिटी’ चला रहे हैं।”
राजभर की यह टिप्पणी सीधे तौर पर सपा नेतृत्व पर व्यक्तिगत और संगठनात्मक हमला मानी जा रही है।
सपा से निष्कासित विधायकों पर भी दिया बयान
राजभर ने समाजवादी पार्टी से हाल ही में निष्कासित विधायकों—अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह और मनोज पांडेय—को लेकर दावा किया कि ये नेता पहले ही सपा से खुद को अलग कर चुके थे।
उन्होंने आगे कहा:”अभी पांच और विधायक सपा से निकाले जाएंगे। यह पार्टी अब बिखराव की ओर है।”
अब्बास अंसारी और 2027 के चुनाव
अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता खत्म किए जाने पर पूछे गए सवाल पर राजभर ने कहा:”यह मामला कोर्ट का है। हम 17 और 22 में लड़े हैं, 27 में भी लड़ेंगे।”यह बयान साफ संकेत देता है कि राजभर खुद को आगामी विधानसभा चुनाव में भी एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी मानते हैं।