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बेटे की मौत के बाद टूटा नहीं पिता का हौसला, लोक शिकायत निवारण प्रणाली से मिला 10 लाख का बीमा भुगतान

पटना | बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शुरू की गई लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम 2015 आज आम जनता के लिए न्याय और भरोसे की मिसाल बनता जा रहा है। इसी अधिनियम की बदौलत पटना निवासी कामेश्वर प्रसाद आर्य को अपने दिवंगत बेटे की बीमा राशि के ₹10 लाख का भुगतान आखिरकार मिल सका।

बेटे की ड्यूटी के दौरान मौत, महीनों तक नहीं मिली सहायता

कामेश्वर प्रसाद के बेटे प्रभात शंकर, बख्तियारपुर प्रखंड में पंचायत रोजगार सेवक के पद पर तैनात थे। 14 अगस्त 2023 को ड्यूटी जाते समय एक रेल दुर्घटना में उनकी मौत हो गई। हादसे के बाद पिता ने बीमा राशि का दावा समय पर एचडीएफसी बैंक और BRDS (बिहार रूरल डेवलपमेंट सोसायटी) के पास जमा किया, लेकिन महीनों तक कोई सुनवाई नहीं हुई

लोक शिकायत अधिनियम ने दिखाई राह

थक-हारकर कामेश्वर प्रसाद ने लोक शिकायत निवारण पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने मामले को संज्ञान में लिया और BRDS से रिपोर्ट मांगी। ग्रामीण विकास विभाग के मनरेगा आयुक्त ने बैंक और BRDS को तत्काल भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

मिला न्याय, बढ़ा भरोसा

सुनवाई के बाद एचडीएफसी बैंक ने ₹10 लाख की बीमा राशि का भुगतान प्रभात शंकर के परिजनों के खाते में कर दिया। कामेश्वर प्रसाद ने कहा—

“अगर यह कानून नहीं होता, तो शायद हमें यह मदद कभी नहीं मिलती। अब इस व्यवस्था से आम आदमी को भी उम्मीद है कि उसकी आवाज सुनी जाएगी।”

क्या है बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम?

  • यह कानून 5 जून 2016 से लागू है।
  • 60 कार्यदिवस में शिकायतों के समाधान की गारंटी देता है।
  • नागरिक अपनी शिकायतें ऑनलाइन पोर्टल (https://lokshikayat.bihar.gov.in/) या जन समाधान मोबाइल ऐप के जरिए घर बैठे दर्ज करा सकते हैं।
  • सुनवाई के दौरान संबंधित विभाग को जवाब देना अनिवार्य होता है।

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