एलडीए की नई रणनीति: ‘पहले आओ, पहले पाओ’ पर बिकेंगी 15 साल से खाली पड़ी दुकानें

लखनऊ:लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) अब अपनी योजनाओं में वर्षों से खाली पड़ी दुकानों और भूखंडों की बिक्री के लिए नई नीति लागू करने जा रहा है। प्राधिकरण ने निर्णय लिया है कि इन संपत्तियों को अब नीलामी के बजाय ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर बेचा जाएगा। एलडीए बोर्ड की बैठक में 4 अगस्त को इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए रखा जाएगा।
15 वर्षों से खाली पड़ी हैं 100 से अधिक दुकानें
शहर की कई आवासीय योजनाओं में एलडीए द्वारा विकसित बाजारों में 100 से अधिक दुकानें पिछले 15 वर्षों से खाली पड़ी हैं। नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से कई बार इनकी बिक्री का प्रयास किया गया, लेकिन ऊंची कीमतों और दुकानों की खराब हालत के चलते खरीदार सामने नहीं आए। अब प्राधिकरण ने नीलामी प्रक्रिया को छोड़कर सीधे बिक्री की नीति अपनाने का फैसला लिया है, जिससे संपत्तियों की बिक्री को गति मिलने और एलडीए की आय में वृद्धि होने की उम्मीद है।
40 से अधिक भूखंडों का बदलेगा लेआउट और उपयोग
एलडीए अपनी सात आवासीय योजनाओं में सार्वजनिक सुविधाओं के लिए आरक्षित 40 से अधिक भूखंडों का लेआउट और भू-उपयोग बदलने की योजना भी बना रहा है। ये भूखंड पोस्ट ऑफिस, फायर स्टेशन, थाना और सामुदायिक केंद्र जैसे निर्माणों के लिए आरक्षित थे, लेकिन संबंधित विभागों द्वारा उपयोग न किए जाने के कारण अब इन्हें आवासीय और व्यवसायिक उपयोग के लिए खोला जाएगा। इससे शहर में आवास और व्यापार के नए अवसर पैदा होंगे।
12,505 करोड़ रुपये का बजट प्रस्ताव
एलडीए ने वित्तीय वर्ष के लिए 12,504.97 करोड़ रुपये का बजट प्रस्ताव रखा है। यह अब तक का सबसे बड़ा बजट होगा, जिसका उपयोग नई आवासीय योजनाओं, अपार्टमेंट निर्माण और भूमि अधिग्रहण पर किया जाएगा।
प्रमुख योजनाओं पर प्रस्तावित खर्च:
- वरुण विहार आवासीय योजना: ₹7,471.93 करोड़
- नैमिष नगर योजना: ₹4,785.34 करोड़
- विराजखण्ड और गोमतीनगर विस्तार में अपार्टमेंट निर्माण: ₹100 करोड़
- ऐशबाग मिल रोड पर अपार्टमेंट: ₹50 करोड़
- एकीकृत मण्डलीय कार्यालय भवन: ₹50 करोड़
- बसंतकुंज में मैंगो थीम पार्क: ₹7.50 करोड़
- लोहिया पार्क में सिंथेटिक ट्रैक: ₹4.50 करोड़
- बसंतकुंज में आयुर्वेद पार्क और वेलनेस सिटी: ₹3.20 करोड़
विकास के साथ हरियाली और पर्यटन पर भी जोर
एलडीए की नई योजनाओं में सिर्फ मकान और दुकानें नहीं, बल्कि शहर की हरियाली और पर्यटन को बढ़ावा देने वाले प्रोजेक्ट्स जैसे मैंगो थीम पार्क और आयुर्वेद पार्क भी शामिल हैं। इससे लखनऊ की पहचान स्मार्ट और ग्रीन सिटी के रूप में और मजबूत होगी।
अब बोर्ड की मंजूरी के बाद ‘पहले आओ, पहले पाओ’ की तर्ज पर दुकानें बेची जाएंगी और भूखंडों का नया लेआउट लागू कि