उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश से चारधाम यात्रा ठप, केदारनाथ-बद्रीनाथ हाईवे बंद

देहरादून/चमोली/रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम ने करवट ले ली है। पहाड़ी इलाकों में बीती रात से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश और भूस्खलन ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। इसका सबसे गंभीर असर चारधाम यात्रा पर पड़ा है, जहां केदारनाथ और बद्रीनाथ जाने वाले मुख्य हाईवे कई स्थानों पर बंद हो गए हैं। हजारों श्रद्धालु विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं और प्रशासन राहत एवं बचाव कार्यों में जुटा हुआ है।
केदारनाथ मार्ग पूरी तरह बंद
केदारनाथ धाम को जोड़ने वाला सोनप्रयाग-गौरीकुंड मोटर मार्ग कई जगहों पर मलबा और बोल्डर गिरने की वजह से पूरी तरह बंद हो गया है। मुनकटिया के पास लगातार भूस्खलन होने से रास्ता अवरुद्ध है। इसके चलते आज सुबह से केदारनाथ यात्रा शुरू नहीं हो सकी। SDRF और पुलिस ने यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया है और वैकल्पिक मार्गों से लोगों को धीरे-धीरे निकाला जा रहा है।
बद्रीनाथ हाईवे सिरोबगड़ में बाधित, हजारों यात्री फंसे
ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी सिरोबगड़, भनेरपानी और पीपलकोटी के पास मलबा गिरने से अवरुद्ध हो गया है। चमोली पुलिस ने बताया कि इन जगहों पर सड़कों पर भारी बोल्डर और मलबा जमा हो गया है, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। जोशीमठ, गोविंदघाट, पांडुकेश्वर सहित कई स्थानों पर हजारों यात्री फंसे हुए हैं, जिन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सड़क खोलने के काम में लगी टीमें
भारी बारिश और भूस्खलन के बावजूद सीमा सड़क संगठन (BRO) और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की टीमें दिन-रात मलबा हटाने के कार्य में जुटी हुई हैं। प्रशासन ने यात्रियों से धैर्य रखने और मौसम सामान्य होने तक यात्रा टालने की अपील की है।
मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
मौसम विभाग ने राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश का येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। प्रशासन ने सभी जिलों को अलर्ट मोड पर रखा है। चारधाम यात्रा मार्गों पर पुलिस और रेस्क्यू टीमें तैनात कर दी गई हैं।
चारधाम यात्रा पर भारी असर, हेली सेवाएं भी बंद
बारिश और भूस्खलन का सीधा असर चारधाम यात्रा पर पड़ा है। खासकर केदारनाथ यात्रा की रफ्तार काफी धीमी हो गई है। पहले जहां रोजाना 24-25 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे थे, अब यह संख्या घटकर 16 हजार तक रह गई है। खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं, जिससे वृद्ध और बीमार श्रद्धालुओं को खासी परेशानी हो रही है।
पर्यटक और तीर्थयात्री फंसे, भूस्खलन जोन में बढ़ी परेशानी
केदारनाथ, बद्रीनाथ के अलावा हेमकुंड साहिब और अन्य पर्यटन स्थलों की ओर जाने वाले भी प्रभावित हैं। सिरोबगड़, पिनौला, पातालगंगा जैसे भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में पर्यटक फंसे हुए हैं। प्रशासन लगातार निगरानी रखे हुए है और राहत कैंप स्थापित कर जरूरी सहायता पहुंचाई जा रही है।