उत्तर प्रदेश

लखनऊ में 10 साल बाद सर्किल रेट में बड़ा बदलाव, ज़मीन और फ्लैट खरीदना होगा महंगा


लखनऊ – उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अब ज़मीन, मकान या फ्लैट खरीदने वालों को अपनी जेब और ढीली करनी पड़ेगी। दस साल बाद शहर में सर्किल रेट बढ़ाने का मसौदा तैयार कर लिया गया है, जिसमें 25% तक की बढ़ोतरी प्रस्तावित की गई है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि योग्य भूमि पर 15% तक सर्किल रेट बढ़ाए जाएंगे।

 कहां कितना बढ़ेगा सर्किल रेट?

  • शहरी क्षेत्र: आवासीय, व्यवसायिक और संस्थागत भूमि पर 25% तक की बढ़ोतरी
  • ग्रामीण क्षेत्र: कृषि योग्य भूमि पर 15% की बढ़ोतरी
  • नई विकसित कॉलोनियां व सड़क किनारे क्षेत्र: नई श्रेणी में प्रस्तावित, दरें अलग

DM विशाख जी ने बताया कि यह प्रस्ताव बाजार मूल्यों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है ताकि सर्किल रेट और बाजार मूल्य में संतुलन बने।

कब से लागू होगा नया रेट?

  • आपत्तियों की अंतिम तिथि: 17 जुलाई 2025
  • नया रेट लागू होने की संभावित तिथि: 1 अगस्त 2025
  • नागरिक Lucknow.nic.in या उपनिबंधक कार्यालयों से पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

कहां सबसे ज्यादा असर?

क्षेत्रन्यूनतम रेट (₹/वर्ग मीटर)अधिकतम रेट (₹/वर्ग मीटर)
गोमतीनगर₹33,000₹77,000
इंदिरा नगर₹35,000₹62,000
एममार / वन वर्ल्ड₹18,000 (पहले)₹50,000 (अब प्रस्तावित)

गोमतीनगर और इंदिरानगर जैसे पॉश इलाकों में सर्किल रेट दोगुना तक हो सकता है, जिससे इन क्षेत्रों में प्रॉपर्टी खरीदना और अधिक महंगा हो जाएगा।

 2015 के बाद बड़ा बदलाव

पिछली बार 2015 में सर्किल रेट में संशोधन हुआ था। इसके बाद:

  • किसान पथ, आउटर रिंग रोड, और आगरा एक्सप्रेसवे के पास टाउनशिप का तेजी से विकास हुआ।
  • सरोजिनी नगर और मोहनलालगंज जैसे क्षेत्रों में लग्जरी प्रोजेक्ट्स की बाढ़ आ गई।

अब नया रेट आने के बाद इन इलाकों की वैल्यू और भी ऊपर जाने की संभावना है।

 क्यों बढ़ाए गए सर्किल रेट?

  • निजी बिल्डर्स और रियल एस्टेट कंपनियां ऊंची कीमतों पर जमीन बेच रही थीं
  • सर्किल रेट और बाजार भाव में बड़ा अंतर था
  • सरकारी राजस्व में वृद्धि की आवश्यकता

लखनऊ में दस साल बाद सर्किल रेट बढ़ाने से प्रॉपर्टी बाजार में हलचल तय है। जो लोग घर या ज़मीन खरीदने की सोच रहे हैं, उनके लिए 1 अगस्त से पहले रजिस्ट्री कराना फायदेमंद हो सकता है।
वहीं प्रशासन का मानना है कि इससे न केवल बाजार में पारदर्शिता आएगी बल्कि सरकारी आय में भी उल्लेखनीय इजाफा होगा।

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