कांवड़ यात्रा: दुकानों पर अब क्यूआर कोड होगा अनिवार्य, ग्राहक जान सकेंगे दुकानदार की पूरी जानकारी

उत्तर प्रदेश में आगामी कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानदारों के लिए एक नई व्यवस्था लागू की गई है। अब दुकानदारों को अपना नाम सार्वजनिक करने की अनिवार्यता से राहत तो मिल गई है, लेकिन एफएसडीए (खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग) ने दुकानों पर क्यूआर कोड युक्त प्रपत्र लगाना अनिवार्य कर दिया है।
क्यूआर कोड से मिलेगी पूरी जानकारी
इस क्यूआर कोड को स्कैन करते ही ग्राहक को दुकानदार का नाम, पता, लाइसेंस नंबर, मोबाइल नंबर और ईमेल जैसी जानकारी मिल सकेगी। इसके अलावा ग्राहक ‘फूड सेफ्टी कनेक्ट’ ऐप के माध्यम से फीडबैक और शिकायत भी दर्ज कर सकेंगे। यह कदम भोजन की गुणवत्ता और पारदर्शिता बनाए रखने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बदली रणनीति
पिछले साल दुकानों पर मालिकों के नाम प्रदर्शित करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट में चुनौती के बाद फिलहाल स्थगित कर दिया गया था। अब एफएसडीए एक्ट के अनुसार नाम सार्वजनिक करने की बाध्यता नहीं है, इसलिए उसकी जगह क्यूआर कोड को अनिवार्य किया गया है।
मिलावट की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई
नए सिस्टम के तहत ग्राहक अगर किसी खाद्य पदार्थ में मिलावट की आशंका जताते हैं तो उनकी शिकायत सीधे कंट्रोल रूम तक पहुंचेगी और पास के खाद्य निरीक्षक को मौके पर भेजा जाएगा। जांच में मिलावट की पुष्टि होते ही संबंधित उत्पाद को नष्ट कर दिया जाएगा।
जागरूकता और मोबाइल वैन भी होगी तैनात
एफएसडीए ने मिलावटखोरी रोकने के लिए यात्रा मार्गों पर जागरूकता अभियान, मोबाइल फूड टेस्टिंग वैन और शिविरों की भी योजना बनाई है। श्रद्धालुओं को बताया जाएगा कि वे खाद्य पदार्थों में मिलावट की पहचान कैसे करें और कहां शिकायत करें।
11 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा
इस बार कांवड़ यात्रा 11 जुलाई से शुरू होकर 22 जुलाई को समाप्त होगी। लाखों शिवभक्त गंगाजल लेकर भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगे। भोजन की पवित्रता, शुद्धता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह नई डिजिटल व्यवस्था लागू की जा रही है।