उत्तर प्रदेश में स्टांप विभाग के तबादलों पर रोक, सीएम योगी ने दिए जांच के आदेश
लखनऊ | उत्तर प्रदेश सरकार ने स्टांप एवं निबंधन विभाग में हुए सैकड़ों तबादलों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में अनियमितता की आशंका को देखते हुए जांच के आदेश जारी किए हैं।

प्रमुख सचिव अमित गुप्ता द्वारा हस्ताक्षरित कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, शासन ने सम्यक विचार के बाद यह निर्णय लिया है कि हाल ही में जारी सभी स्थानांतरण और तैनाती आदेशों को अग्रिम आदेशों तक के लिए स्थगित कर दिया जाए।
एक दिन में सैकड़ों ट्रांसफर
जानकारी के मुताबिक, महानिरीक्षक निबंधन, उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा 13 और 14 जून को अलग-अलग पत्रों के माध्यम से तबादले किए गए थे:
- पत्र संख्या 2011(1-9)/शि.का.लख./2025 (दिनांक 13.06.2025): 58 उप निबंधकों का स्थानांतरण
- पत्र संख्या 2013/शि.का.लख./2025: 1 उप निबंधक का तबादला
- पत्र संख्या 2012(1-10)/शि.का.लख./2025: 29 नव-प्रोन्नत उप निबंधकों को नई तैनाती
- पत्र संख्या 2018/शि.का.लख./2025 (दिनांक 14.06.2025): 114 कनिष्ठ सहायक निबंधकों का तबादला
इन आदेशों के बाद विभाग में हलचल मच गई थी, क्योंकि इतने बड़े पैमाने पर हुए तबादलों को लेकर पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे थे।
शासन ने दिए स्पष्ट निर्देश
कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है:
“शासन द्वारा उपर्युक्त सभी स्थानांतरण/तैनाती आदेशों को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जाता है। आगे की कार्रवाई जांच रिपोर्ट के आधार पर तय की जाएगी।”
सूत्रों के अनुसार, इन तबादलों में कुछ मामलों में प्रक्रियात्मक शिथिलता और सिफारिशों के आधार पर नियुक्ति की शिकायतें भी आई थीं, जिस पर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है।
विभाग की भूमिका अहम
स्टांप एवं निबंधन विभाग राज्य सरकार के महत्वपूर्ण राजस्व स्रोतों में से एक है। यहां तैनात अधिकारी संपत्ति पंजीकरण, स्टांप शुल्क वसूली जैसे कार्यों से सीधे जुड़े होते हैं। ऐसे में इन पदों पर तैनाती को लेकर सरकार सख्त पारदर्शिता नीति अपनाना चाहती है।
जांच के बाद ही आगे निर्णय
शासन की ओर से स्पष्ट किया गया है कि जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक कोई भी तबादला या तैनाती लागू नहीं मानी जाएगी। यह फैसला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत लिया गया है।