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सुप्रीम कोर्ट में पहली बार OBC आरक्षण लागू, भर्तियों में मिलेगा कोटा

नई दिल्ली, 5 जुलाई 2025 — भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अब अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को भी अपने कर्मचारियों की भर्तियों में आरक्षण देने का निर्णय लिया है। यह पहली बार है जब सुप्रीम कोर्ट ने अपने स्टाफ की सीधी भर्ती प्रक्रिया में ओबीसी आरक्षण को औपचारिक रूप से लागू किया है।

इससे पहले कोर्ट ने एससी (15%) और एसटी (7.5%) वर्गों के लिए आरक्षण नीति लागू की थी, अब इसमें ओबीसी, दिव्यांग, पूर्व सैनिक और स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को भी शामिल कर लिया गया है।

4 जुलाई को जारी हुई अधिसूचना

4 जुलाई 2025 को भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) द्वारा एक अधिसूचना जारी की गई, जिसमें यह जानकारी दी गई कि “सुप्रीम कोर्ट अधिकारी एवं सेवक सेवा और आचरण नियम, 1961” में संशोधन कर नया नियम 4A लागू किया गया है।

किन वर्गों को मिलेगा लाभ?

नई नीति के तहत सुप्रीम कोर्ट में सीधी भर्ती के दौरान निम्न वर्गों को आरक्षण मिलेगा:

  • अनुसूचित जाति (SC)
  • अनुसूचित जनजाति (ST)
  • अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC)
  • शारीरिक रूप से विकलांग (PwD)
  • पूर्व सैनिक (Ex-Servicemen)
  • स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रित (Dependant of Freedom Fighters)

कैसे लागू होगा आरक्षण?

यह आरक्षण भारत सरकार की मौजूदा आरक्षण नीति के अनुसार ही लागू होगा। यानी जो पे-स्केल या पद भारत सरकार की आरक्षण अधिसूचनाओं के अधीन आते हैं, उन्हीं मानकों पर सुप्रीम कोर्ट की नियुक्तियां भी होंगी।

हालांकि, अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अगर चीफ जस्टिस को आवश्यक लगे, तो वे इस नीति में संशोधन या अपवाद भी कर सकते हैं।

क्या है पहले की व्यवस्था?

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अपने यहां SC/ST वर्ग के लिए भर्ती और पदोन्नति में आरक्षण लागू किया था।

  • SC कर्मचारियों को 15% आरक्षण
  • ST कर्मचारियों को 7.5% आरक्षण

अब OBC सहित अन्य पात्र वर्गों को शामिल कर सुप्रीम कोर्ट ने समानता और सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।

क्यों है यह फैसला अहम?

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला इसलिए ऐतिहासिक और प्रतीकात्मक माना जा रहा है क्योंकि अभी तक न्यायपालिका के अंदर आरक्षण लागू करने को लेकर स्पष्ट नीति नहीं थी।
अब इस निर्णय के बाद यह संदेश जाएगा कि न्यायालय भी खुद को संविधान के सामाजिक न्याय के मूल सिद्धांतों के तहत ढाल रहा है।

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