बालश्रम मुक्त उत्तर प्रदेश की ओर कदम: योगी सरकार ने शिक्षा और पुनर्वास को बनाया हथियार

उत्तर प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य को बालश्रम मुक्त बनाने के मिशन पर तेजी से काम कर रही है। सरकार की बहुपरतीय योजनाएं न केवल कामकाजी बच्चों की पहचान कर रही हैं, बल्कि उन्हें शिक्षा, आर्थिक सहायता और पुनर्वास जैसी जरूरी सुविधाएं भी मुहैया करा रही हैं।
अनाथ और वंचित बच्चों के लिए आर्थिक सहायता
उन बच्चों के लिए विशेष मदद की व्यवस्था की गई है, जिनके माता-पिता नहीं हैं या जो किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं।
- ऐसे बच्चों को हर महीने ₹1000 (बालक) और ₹1200 (बालिका) की आर्थिक मदद दी जा रही है।
- अगर वे कक्षा 8, 9 या 10 तक पढ़ाई जारी रखते हैं, तो कक्षा 8 पास करने पर उन्हें ₹6000 की प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है।
- वर्ष 2024-25 के लिए इस योजना हेतु ₹3 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है। इससे 8-18 वर्ष के 2000 बच्चों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है।
खतरनाक कार्यों में लगे बच्चों की पहचान के लिए सर्वेक्षण
राज्य सरकार 9-14 वर्ष के उन बच्चों की पहचान के लिए सर्वे करा रही है, जो खतरनाक कार्यों में लगे हैं। इन बच्चों को शिक्षा से जोड़कर पुनर्वासित किया जाएगा।
- इसके लिए वर्ष 2024-25 में ₹5 लाख की राशि आवंटित की गई है।
UNICEF के सहयोग से बाल श्रम उन्मूलन का अभियान
UNICEF की मदद से प्रदेश के 20 जिलों की 1197 ग्राम पंचायतों व शहरी वार्डों को बाल श्रम मुक्त घोषित करने का लक्ष्य रखा गया है।
अब तक की प्रगति:
- 41285 बच्चों की पहचान की जा चुकी है।
- इनमें से 33405 बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाया गया है।
- 15-18 वर्ष के 14825 किशोरों को व्यवसायिक प्रशिक्षण से जोड़ा गया है।
- इनके परिवारों को भी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ा गया है।
- अब तक 623 ग्राम पंचायत/वार्ड बाल श्रम मुक्त घोषित हो चुके हैं।
बंधुआ बच्चों के पुनर्वास के लिए विशेष फंड व्यवस्था
भारत सरकार द्वारा संचालित योजना के अंतर्गत बंधुआ श्रमिक बच्चों को
- 1 से 3 लाख रुपये तक की पुनर्वास राशि दी जाती है।
- 30,000 रुपये की तात्कालिक सहायता भी उपलब्ध कराई जाती है।
- सभी जिलों में 10 लाख रुपये की कॉर्पस फंड व्यवस्था की गई है, ताकि बच्चों को त्वरित सहायता दी जा सके।
सरकार का लक्ष्य: शिक्षा, सम्मान और सुरक्षित भविष्य
इन योजनाओं और प्रयासों के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रही है कि कोई भी बच्चा मजदूरी की बेड़ियों में न फंसे, बल्कि उसे मिले शिक्षा, आत्मसम्मान और एक उज्ज्वल भविष्य।