बरेली में पूजा का प्रसाद बना ज़हर! एक ही परिवार की 12 महिलाएं-बच्चे बीमार, मावे की जांच शुरू

बरेली – बरेली के सुभाष नगर थाना क्षेत्र की एक कॉलोनी में सुहाग की पूजा के दौरान बांटे गए प्रसाद (पिन्नी मिठाई) को खाने से एक ही परिवार की नौ महिलाएं और तीन बच्चे बीमार हो गए। सभी को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने फूड पॉयजनिंग की पुष्टि की है।
पूजा का प्रसाद बना जानलेवा
- बीडीए कॉलोनी में परिवार द्वारा सुहाग की पूजा की गई थी
- प्रसाद के रूप में पिन्नी मिठाई वितरित की गई
- मिठाई खाने के कुछ देर बाद महिलाओं और बच्चों को उल्टी-दस्त और पेट दर्द की शिकायतें हुईं
- 12 लोग बीमार, सभी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया
डॉक्टरों की रिपोर्ट: विषाक्त पदार्थ के लक्षण
जिला अस्पताल के आपातकालीन चिकित्सा प्रभारी डॉ. शैलेश रंजन ने बताया:“सभी मरीजों में विषाक्त पदार्थ के सेवन के लक्षण मिले हैं। बच्चों को विशेष निगरानी में रखा गया है। स्थिति अब नियंत्रण में है।”
थाने में दी तहरीर, मावा विक्रेता हिरासत में
- पीड़ित परिवार ने सुभाष नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई
- SHO जितेंद्र सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर मावा विक्रेता को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है
- खाद्य सुरक्षा विभाग (FSDA) की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की
गुर्जर डेयरी पर छापा, नमूने लखनऊ लैब भेजे गए
- मावे की सप्लाई करने वाली गुर्जर डेयरी पर छापा
- मावे के नमूने लिए गए, जिन्हें जांच के लिए लखनऊ प्रयोगशाला भेजा गया
- खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने कहा:
“अगर मावे में मिलावट या अमानक गुणवत्ता पाई गई, तो FSSAI अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई होगी।”
क्या हो सकती है कार्रवाई?
यदि जांच में मावे में हानिकारक रसायन, सिंथेटिक दूध या मिलावटी तत्वों की पुष्टि होती है तो दोषियों पर FSSAI 2006 अधिनियम के तहत हो सकती हैं ये कार्रवाई:
- ₹10 लाख तक का जुर्माना
- खाद्य लाइसेंस रद्द
- जेल की सजा (गंभीर मामलों में)
पूजा जैसा पवित्र आयोजन, जिसमें श्रद्धा से बंटा प्रसाद भी ज़हर में तब्दील हो सकता है, यह घटना इसका जीता-जागता उदाहरण है। लोगों को जागरूक होना होगा कि जहां से मिठाई या मावा खरीदा जा रहा है, वह कितना प्रमाणित और सुरक्षित स्रोत है।अब सभी की नजरें लखनऊ भेजे गए मावे की रिपोर्ट पर टिकी हैं।