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अहमदाबाद विमान हादसे की जांच में अड़चन, ब्लैक बॉक्स डिकोडिंग के लिए जाएगा विदेश

अहमदाबाद, 19 जून 2025 — अहमदाबाद में हाल ही में हुए एयर इंडिया AI171 विमान हादसे की जांच में एक बड़ी तकनीकी बाधा सामने आई है। हादसे के बाद घटनास्थल से बरामद ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर) से अब तक कोई ठोस जानकारी नहीं निकल पाई है, क्योंकि भारत में उन्नत डिकोडिंग तकनीक का अभाव है। इसी कारण अब यह ब्लैक बॉक्स अमेरिका भेजने का फैसला किया गया है।

भारत में नहीं है ब्लैक बॉक्स डिकोडिंग की पूरी सुविधा

सूत्रों के मुताबिक, भारत में अभी तक बोइंग विमानों के एडवांस्ड ब्लैक बॉक्स डाटा को पढ़ने और विश्लेषण करने की क्षमता सीमित है। इसलिए विमान दुर्घटना की असली वजह पता लगाने के लिए AI171 के ब्लैक बॉक्स को विदेश, विशेष रूप से अमेरिका, भेजा जाएगा। वहां बोइंग के मुख्यालय में विशेषज्ञ इस डेटा को डिकोड करेंगे।

MoCA और जांच समिति की बैठक में हुआ फैसला

ब्लैक बॉक्स को विदेश भेजने का निर्णय नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) और एयर इंडिया AI171 हादसे की जांच समिति के बीच हुई बैठक में लिया गया। इस बैठक में:

  • हादसे की अब तक की प्रगति पर चर्चा की गई।
  • 90 दिनों के भीतर जांच पूरी करने का लक्ष्य तय किया गया।
  • ब्लैक बॉक्स को जल्द से जल्द अमेरिका भेजने की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही गई।

समिति ने दी औपचारिक प्रस्तुति, शुरुआती कारणों पर चुप्पी

जांच समिति ने बैठक में आधिकारिक प्रस्तुति दी, लेकिन अभी तक न तो ब्लैक बॉक्स से कोई डेटा साझा किया गया है, और न ही दुर्घटना के संभावित कारणों पर कोई प्रारंभिक बयान जारी किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि बिना डिकोडिंग के किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाज़ी होगी।

हर दिन हो रही निगरानी

MoCA के वरिष्ठ अधिकारी रोज़ाना स्तर पर बैठकें कर रहे हैं ताकि:

  • जांच की प्रगति पर कड़ी नजर रखी जाए।
  • विदेशी जांच एजेंसियों के संपर्क में रहा जाए।
  • तकनीकी रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लिए जा सकें।

जल्द अमेरिका रवाना होगी भारतीय टीम

बताया जा रहा है कि ब्लैक बॉक्स को लेकर जल्द ही एक भारतीय तकनीकी टीम अमेरिका रवाना होगी। वहां बोइंग के विशेषज्ञों के साथ मिलकर डाटा रिकवरी और विश्लेषण की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाएगा।

क्या है ब्लैक बॉक्स और क्यों है यह अहम?

ब्लैक बॉक्स दरअसल दो हिस्सों में होता है:

  1. CVR (Cockpit Voice Recorder) — जो पायलटों की बातचीत रिकॉर्ड करता है।
  2. FDR (Flight Data Recorder) — जो टेक्निकल डेटा रिकॉर्ड करता है जैसे ऊंचाई, गति, इंजन की स्थिति आदि।

इन दोनों रिकॉर्डिंग्स से यह पता लगाया जाता है कि दुर्घटना से ठीक पहले विमान में क्या चल रहा था, जिससे जांच को सही दिशा मिलती है।

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