योग दिवस पर बोले सीएम योगी – “योग है भारत की ऋषि परंपरा का दिव्य उपहार”
गोरखपुर | गोरखपुर में 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने योग को भारतीय मनीषा की अमूल्य देन बताया। उन्होंने कहा कि योग सिर्फ शरीर को स्वस्थ रखने का जरिया नहीं, बल्कि यह पूरे विश्व में लोक कल्याण का मार्ग प्रशस्त करने वाला माध्यम बन चुका है। उन्होंने गर्व जताया कि आज विश्व के लगभग 190 देश भारतीय योग परंपरा से जुड़कर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

गोरखनाथ मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में सीएम योगी का संदेश
गोरखनाथ मंदिर स्थित महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में आयोजित योग सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा,
“योग केवल शारीरिक अभ्यास नहीं, बल्कि मानसिक संतुलन और आत्मिक शांति का मंत्र है। यह भारत की ऋषि परंपरा की वह धरोहर है, जो जीवन को चारों पुरुषार्थ—धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष—की ओर ले जाती है।”
सीएम योगी ने कहा कि स्वस्थ शरीर के बिना जीवन के किसी भी उद्देश्य की पूर्ति संभव नहीं और योग ही ऐसा मार्ग है, जो व्यक्ति को संपूर्ण स्वास्थ्य प्रदान करता है।
“योग से होता है रोग, वृद्धावस्था और मृत्यु पर नियंत्रण”
मुख्यमंत्री ने वैदिक श्लोक का हवाला देते हुए योग के चमत्कारी प्रभाव को रेखांकित किया:
“न तस्य रोगो न जरा न मृत्युः प्राप्तस्य योगाग्निमयं शरीरम्”
यानि, योग से तपे हुए शरीर को न तो रोग छूता है, न बुढ़ापा और न ही समय से पहले मृत्यु।
पीएम मोदी को दिया अंतरराष्ट्रीय मंच पर योग को स्थापित करने का श्रेय
सीएम योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि जब कुछ विदेशी देश योग को अपने नाम पर पेटेंट कराने की कोशिश कर रहे थे, उस समय प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव रखकर 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित करवाया। यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर को विश्व मंच पर गौरव दिलाने वाला कदम था।
सामूहिक योगाभ्यास में खुद भी हुए शामिल
गोरखनाथ मंदिर परिसर में भव्य योग आयोजन के दौरान मुख्यमंत्री योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लाइव संबोधन सुना और फिर स्वयं योग के विभिन्न आसनों, प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास भी किया।
कार्यक्रम में जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, सांसद रविकिशन शुक्ल, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, विधायकगण, प्रशासनिक अधिकारी और सैकड़ों योग साधक व प्रशिक्षु उपस्थित रहे।