दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला: कांवड़ समितियों को बिना टेंडर मिलेगी डायरेक्ट सहायता

नई दिल्ली | 24 जून 2025
सावन महीने में शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब कांवड़ समितियों को बिना किसी टेंडर प्रक्रिया के सीधे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के ज़रिए सहायता दी जाएगी। इस योजना का नाम ‘मुख्यमंत्री धार्मिक उत्सव योजना’ रखा गया है, जिसका उद्देश्य यात्रा से जुड़े आयोजनों को भ्रष्टाचारमुक्त और पारदर्शी बनाना है।
अब नहीं होगा टेंडर, सीधे डीबीटी से मिलेगी मदद
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक के बाद कहा,
“अब कांवड़ समितियों को कोई टेंडर नहीं भरना पड़ेगा, कोई दलाली नहीं होगी, और कोई फाइल अटकाई नहीं जाएगी। हम सिंगल विंडो सिस्टम लागू कर रहे हैं, जिसके ज़रिए रजिस्टर्ड समितियां जिला मजिस्ट्रेट (DM) को सीधे आवेदन भेज सकेंगी। सभी भुगतान डायरेक्ट अकाउंट में ट्रांसफर होंगे।”
सरकार ने बताया कि अब सहायता राशि की न्यूनतम सीमा 50,000 रुपये और अधिकतम 10 लाख रुपये होगी, जिसे चार श्रेणियों में विभाजित किया जाएगा।
पिछली सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप
रेखा गुप्ता ने बीते सरकारों पर सीधा हमला करते हुए कहा,
“पिछली सरकारों में कांवड़ यात्रा को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया गया था। करोड़ों रुपये खर्च होते थे लेकिन न कांवड़ियों को लाभ मिलता था, न जनता को। समितियां सालों इंतजार करती थीं और बिल पेंडिंग पड़े रहते थे।”
रेखा गुप्ता सरकार ने अब इस पूरे सिस्टम को डिजिटल और ट्रैक करने योग्य बनाने की घोषणा की है।
बिजली और निगरानी का भी इंतजाम
दिल्ली सरकार ने घोषणा की है कि अब प्रत्येक समिति को 1200 यूनिट तक बिजली मुफ्त दी जाएगी, जिसका पूरा खर्च सरकार उठाएगी। इसके अलावा,
- एसडीएम को निगरानी की ज़िम्मेदारी दी गई है
- समितियों के कार्य की जियो टैगिंग की जाएगी
- निगरानी में कपिल मिश्रा के साथ चार विधायक भी होंगे
मुख्यमंत्री ने कहा,
“कांवड़ यात्रा सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं है, यह सहभागिता और सेवा का पर्व है। हमारी सरकार खुद बॉर्डर पर जाकर कांवड़ यात्रियों का स्वागत करेगी।”
30 जुलाई तक रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
सरकार ने रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सरल और डिजिटल बनाने की बात कही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहली बार हो रहा है, इसलिए 30 जुलाई तक का समय दिया गया है ताकि सभी समितियां समय से रजिस्ट्रेशन पूरा कर सकें।
पिछले वर्ष 170 समितियों को सहायता दी गई थी। इस बार संख्या और पारदर्शिता दोनों में सुधार का दावा किया गया है।
मुख्य बातें संक्षेप में:
- बिना टेंडर डायरेक्ट अकाउंट में ट्रांसफर होगी मदद
- योजना का नाम: ‘मुख्यमंत्री धार्मिक उत्सव योजना’
- सहायता राशि: ₹50,000 से ₹10 लाख तक
- बिजली: 1200 यूनिट तक मुफ्त, खर्च सरकार उठाएगी
- निगरानी: एसडीएम, जियो टैगिंग, कपिल मिश्रा की टीम
- रजिस्ट्रेशन डेडलाइन: 30 जुलाई 2025