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जयराम रमेश ने क्यों मांगी माफी, जानें पूरा मामला

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई 35 मिनट की फोन बातचीत को लेकर देश की राजनीति में घमासान मच गया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस बातचीत को लेकर सवाल खड़े किए, लेकिन एक पुराने अमेरिकी प्रेस नोट का हवाला देने पर वह विवादों में घिर गए और माफी मांगनी पड़ी।

ट्रंप-पीएम बातचीत पर कांग्रेस ने उठाए सवाल

जयराम रमेश ने बुधवार को कहा कि व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान और भारत सरकार के विदेश सचिव के बयान में जमीन-आसमान का फर्क है। उन्होंने दावा किया कि व्हाइट हाउस का एक पोस्ट इस बात की पुष्टि करता है कि दोनों देशों के बीच बातचीत की बात पहले ही कही गई थी। इसी को लेकर बीजेपी ने उन्हें घेर लिया।

“गलती हो गई, मैं नॉन-बायोलॉजिकल नहीं हूँ” – जयराम रमेश

बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि जयराम रमेश ने जो पोस्ट दिखाया, वह जनवरी 2025 का पुराना अमेरिकी रीडआउट था, जबकि पीएम मोदी और ट्रंप के बीच हुई ताजा बातचीत को लेकर कोई आधिकारिक अमेरिकी बयान नहीं आया है।

विवाद बढ़ने पर जयराम रमेश ने सफाई देते हुए कहा,

“मुझसे एक गलती हुई है और मैंने उसे तुरंत सुधार दिया है। मैं नॉन-बायोलॉजिकल नहीं हूं।”

भारत को मिला ‘ट्रिपल झटका’ – कांग्रेस

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि भारत की कूटनीति को इस सप्ताह तीन बड़े झटके लगे हैं:

  1. पाकिस्तानी फील्ड मार्शल असीम मुनीर को राष्ट्रपति ट्रंप के साथ व्हाइट हाउस में भोजन का निमंत्रण मिला। मुनीर वही अधिकारी हैं, जिन्होंने कथित तौर पर पहलगाम आतंकी हमले से जुड़ा विवादास्पद बयान दिया था।
  2. अमेरिका के सेंट्रल कमांड प्रमुख माइकल कुरिल्ला ने पाकिस्तान को “अभूतपूर्व” सहयोगी बताया।
  3. ट्रंप का दावा कि भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध उनकी मध्यस्थता के कारण रुका था, जिस पर पीएम मोदी ने 37 दिनों तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

पीएम मोदी से सर्वदलीय बैठक की मांग

जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी से सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की। उन्होंने कहा,

“अगर पीएम मोदी ने ट्रंप से 35 मिनट तक बातचीत की है तो उन्हें खुद संसद या सर्वदलीय बैठक में इसकी जानकारी देनी चाहिए।”

कांग्रेस नेता का कहना था कि विदेश सचिव के बयान से पहले, देश को इन मुद्दों पर प्रधानमंत्री से सीधे जवाब मिलना चाहिए था।

बीजेपी का पलटवार: “भारत की विदेश नीति को बदनाम करने की कोशिश”

अमित मालवीय ने कहा कि कांग्रेस लगातार भारत की विदेश नीति को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप से स्पष्ट कह दिया कि भारत को किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की जरूरत नहीं है।

बीजेपी नेता ने यह भी कहा कि डीजीएमओ स्तर पर पाकिस्तान के साथ तनाव कम करने की कोशिश भारत की अपनी पहल थी, न कि किसी बाहरी दबाव की।

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